बुधवार, 16 जुलाई 2025

भोपाल की सबसे फेमस खाने की चीज़ – “भोपाली बाटा और पोहा-जलेबी का जादू

 अगर आप कभी भोपाल आए और यहां की गलियों में घूमते हुए सुबह की ताज़ी हवा में घुली खुशबू ने आपको खींच लिया, तो समझ लीजिए कि आप भोपाल के खाने की रूह तक पहुँच चुके हैं। इस शहर के दिल में बसी है इसकी सादगी, गर्मजोशी, और ज़ायका – और इस ज़ायके की जान है "भोपाली पोहा-जलेबी" और "निहारी-सींक कबाब"।

भोपाली पोहा-जलेबी

निहारी-सींक कबाब

निहारी-सींक कबाब

सुबह की शुरुआत – पोहा-जलेबी के बिना अधूरी

भोपाल का नाम लेते ही सबसे पहले ज़ुबान पर जो स्वाद आता है, वो है पोहा-जलेबी।
यहाँ सुबह 7 बजे से ही ठेलों पर भीड़ लगने लगती है – न कोई होटल, न कोई बड़ा रेस्टोरेंट – बस एक गर्म-गर्म पोहे की थाली, ऊपर से कटी प्याज़, धनिया, नींबू और हरी मिर्च का तड़का। और साथ में कुरकुरी जलेबी, जो मिठास के साथ सुबह को खास बना देती है।

यह सिर्फ एक नाश्ता नहीं है, ये एक एहसास है – भोपाल की सादगी और अपनापन का।

रात की शान – भोपाली निहारी और सींक कबाब

शाम होते-होते अगर आप पुराने भोपाल की गलियों की ओर निकल जाएँ – खासकर इतवारा, जुमेराती या चौक बाजार – तो हर मोड़ पर आपको मिलेगा निहारी, बोटी, और सींक कबाब का ज़ायका।

सींक कबाब यहाँ लकड़ी की आँच पर ताज़ा बनाए जाते हैं – मसालों में रचे-बसे, इतने मुलायम कि मुँह में रखते ही घुल जाएँ।

और निहारी? धीमी आँच पर पकती, रात भर मसालों में भीगती – रोटी या कुल्चे के साथ खाने पर ऐसा लगता है जैसे हर निवाला कहानी सुना रहा हो – भोपाल की, नवाबी दौर की, और इसकी गहराई भरी तहज़ीब की।

भोपाल सिर्फ झीलों का शहर नहीं, यह स्वाद और तहज़ीब का संगम है। यहाँ का खाना आपको सिर्फ पेट नहीं, दिल से तृप्त करता है।

अगर आपने यहाँ का पोहा-जलेबी और रात की गलियों में बनी निहारी का स्वाद नहीं लिया, तो भोपाल की आत्मा को महसूस ही नहीं किया।

तो अगली बार जब भी भोपाल आएँ – खाली मत आइए, भूखे आइए! 😄
“क्योंकि यहाँ हर गली, हर नुक्कड़ पर कोई न कोई स्वाद आपका इंतज़ार कर रहा है।”

Bhopal Lake view city 👉 https://firozdarwish0.blogspot.com/2025/01/bhopal-city-of-lakes-bhopal-city_1.html

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें