सोमवार, 13 जनवरी 2025

Dr. APJ Abdul Kalam: The Inspiring Journey of India's Missile Man

 डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम: एक प्रेरणादायक जीवन की कहानी

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का नाम भारतीय इतिहास में उस महान व्यक्तित्व के रूप में दर्ज है, जिन्होंने विज्ञान, शिक्षा, और देशभक्ति के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। उन्हें "मिसाइल मैन ऑफ इंडिया" और "जनता के राष्ट्रपति" के नाम से भी जाना जाता है। आइए उनके जीवन, उपलब्धियों और विचारधारा को विस्तार से जानें।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ। उनके पिता जैनुलाब्दीन एक नाविक थे और मां आशियम्मा गृहिणी थीं। परिवार आर्थिक रूप से साधारण था, लेकिन कलाम के माता-पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी।

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामनाथपुरम में पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लिया। भौतिकी और गणित में उनकी रुचि उन्हें मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) तक ले गई, जहाँ से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।

करियर की शुरुआत और वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

डॉ. कलाम ने अपने करियर की शुरुआत भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) से की। इसके बाद, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में काम किया।

  • 1969 में ISRO में योगदान: डॉ. कलाम ने भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-3) के विकास में अहम भूमिका निभाई।
  • 'मिसाइल मैन' की पहचान: उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके कारण उन्हें "मिसाइल मैन ऑफ इंडिया" का खिताब मिला।
  • पोखरण परमाणु परीक्षण: 1998 में हुए पोखरण-II परमाणु परीक्षण में डॉ. कलाम ने अहम भूमिका निभाई। इसने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देशों की सूची में शामिल कर दिया।

राष्ट्रपति का कार्यकाल (2002-2007)

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। वे जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय थे और उन्हें "जनता का राष्ट्रपति" कहा गया।
राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने और शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने का कार्य किया। वे हमेशा शिक्षा, विज्ञान और राष्ट्र निर्माण के विषय में चर्चा करते थे।

लेखन और विचारधारा

डॉ. कलाम ने अपने जीवन के अनुभवों और विचारों को कई पुस्तकों के माध्यम से व्यक्त किया। उनकी कुछ प्रमुख किताबें हैं:

  1. विंग्स ऑफ फायर (आत्मकथा)
  2. इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम
  3. इग्नाइटेड माइंड्स
  4. माय जर्नी

उनका विश्वास था कि भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए शिक्षा और नवाचार को प्राथमिकता देनी चाहिए।

जीवन के अंतिम क्षण

27 जुलाई 2015 को शिलांग के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में एक व्याख्यान के दौरान डॉ. कलाम को दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक युवाओं को प्रेरित करने का काम किया।

डॉ. कलाम के प्रमुख विचार

  1. "सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।"
  2. "अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखें।"
  3. "शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जो किसी भी देश का भविष्य बदल सकती है।"

निष्कर्ष

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जीवन सादगी, विनम्रता और प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने न केवल भारत को वैज्ञानिक उपलब्धियों में अग्रणी बनाया, बल्कि लाखों युवाओं को उनके सपनों को साकार करने की प्रेरणा दी। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और सही दिशा में प्रयासों से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।

वे आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं और उनके विचार हमेशा हमें प्रेरित करते रहेंगे।

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